Thursday, 23 December 2021

Kuki m na kisi k dil aaya na hi dimag m aaya

 Aaj tk hame koi samaj nhi paya 

Kuki m na kisi k dil aaya na hi dimag m aaya

kisi ko hamne palko pr sajaya

kisi ko hamne hatho pr chalaya

par sath koi nhi chal paya

dekho kaisi h prabhu ki maya

jo is sansar m h aaya

use jane s koi rok nahi paya 

jo usne h yha pr kamaya

vo yhi chod k unko charno m samaya

chahe kitno ko hamne hasaya

ya kitno ko hamne h rulaya 

kitno ko hamne h samjaya 

to bhi aaj tk koi samaj nhi paya

Kuki m na kisi k dil aaya na hi dimag m aaya

Wednesday, 5 December 2012

मेरा प्यारा दोस्त " रवि "


मेरा प्यारा दोस्त " रवि "



















क्या कहू तेरे लिए मेरे यार ,
जहा साथ करी थी कई सारी  बात,
एग्जाम में गुजरी थी तेरे घर  रात,  
याद आती हे हमे यही सारी बात ,
सबकी मदद जो था करता ,
ऐसा दोस्त कहा अब मिलता, 
हमारी ऐसी किस्मत कहा ,
जो तू साथ  रहता यहाँ ,
आदते तेरी सबको थी सुहाती ,
याद  तेरी भाई बड़ी हे आती ,
कॉलेज जब हम साथ में आते ,
ये सब दिन अब कैसे हम लाते ,
दूर चला गया मेरे यार,
तुझे भेजता हु में प्यार ,
वह हमे तू भूल न जाना ,
यही तुझे याद  था दिलाना,
अब इसे दिन में कहा से लाऊ ,
जब तू कहे घर  लेने में आऊ ,
क्रिस्टल ग्रुप का R हे तू ,
हमारा प्यारा यार हे तू ,
दूर रह कर भी हे तू पास ,
हमे तुझ से हे कई सारी आस ,
थोड़े से हम तुझ से हे नाराज ,
जब साथ न मिलता तेरा आज ,
हमारा भगवान से यही हे मागना,
 पूरी हो तेरी सब कामना  ,
पुरे हो तेरे सब सपने ,
याद हम भी हे तेरे अपने ,
दूर रह कर हमे भूल न जाना ,
याद कर के एक फ़ोन तो लगाना ,

लेखक : - राहुल  कुमार  पालीवाल  

Thursday, 29 November 2012

Mera Pyara Dost ** CHANDAN **


मेरा प्यारा दोस्त “चन्दन” 


मेरा प्यारा दोस्त “चन्दन” 

घर वालो से रहता हे तू दूर 
पर क्या करे तू भी हे मजबूर 
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हे ,
ये तू ही समझ  सकता हे 
फेसबुक का तू भी हे दीवाना ,
कर रहा हे तू एक अच्छा काम ,
कन्या को दिला रहा हे अपना मुकाम ,
कन्या भ्रूण हत्या पर उठाई हे तूने आवाज ,
इस मे हम भी हे तेरे साथ ,
तुझे नहीं रहता हे अपनी भावनाओ पर काबू ,
और तेरे भी निकल आते हे आसू ,
और क्या कहू में तेरे बारे में यार ,
तेरा भी बने अपना एक मुकाम ,
जिस से हो माता - पिता को तुझ पर नाज, 
जिस के लिए कर रहा हे तू मेहनत आज ,
पुरे हो तेरे भी सपने ,
और याद रहे हम भी हे तेरे अपने ,
इस नाचीज को भूल न जाना ,
याद कर के एक फ़ोन तो गुमाना ,

************* लेखक : - राहुल  कुमार  पालीवाल   

Saturday, 24 November 2012

मेरा प्यारा दोस्त " तुषार "





मेरा  प्यारा  दोस्त " तुषार  "

हँसाने  में  हे  जो  माहिर,
ये  बात  तो  हे  जग  जाहिर,

आदत   उसकी  एसी   पडी,
उडाता  रहता  हे  सबकी  बड़ी ,
ये   हे  प्यारा  मेरा  दोस्त ,
ग्रुप  में  हे  ये  भी  मोस्ट ,
ये  भी  हे  किसी का  दीवाना ,
ये  बात  जरुरी  थी  बताना ,
कुछ  भी  कर  ले  मेरे  यार ,

छोड़ूगा   नहीं  तुझको  इस  बार ,
अब  मैने  ये  हे  ठानी  ,
चलेगी  नहीं  तेरी  बेमानी ,
मजाक  मस्ती  का  इसको  हे  शोंक ,
करता  रहता  हे  ये  मोज ,
इस  से  बहुत  हे  सबको  आस ,
पर  बहुत  हे  ये  बदमाश ,
लग  गये   हे  इस  के  शनि , 
उड़  रही  हे  इस  की  मनी  ,
रोज  इसका  नुकशान  हे  होता ,
ये  अपनी  किस्मत  पर  रोता ,
दोस्तों  में  इस  के  हम  भी  हे  आते ,
चलो  इसको  और  अब  नहीं  सताते  ,
हमारा  बना  रहे  ऐसा  ही  साथ  ,
नजर  ना  लगे  किसी  की  आज ,
पूरा  हो  तेरा  हर  सपना  ,
मानना  मुझे  भी  तेरा  अपना ,
दूर  ना  तुम  हमे  देना  भेज ,
रोज  करना  तुम  हमे  मैसेज ,



लेखक : - राहुल  कुमार  पालीवाल   

Saturday, 3 November 2012

मेरा प्यारा दोस्त " सुनील "




























भाई  गिरा  रहता  हे  तू  लडकियों  से,
 फिर  भी  ताकता  रहता  हे  खिडकियों  से ,
तभी  तो  तुझे  बात  बात  पर,
 आती  हे  कान्हा   की  याद ,
 इस  में  भी  छिपि  हे  कुछ  खास  बात ,
आखो  से  करता  रहता  हे  इधर  उधर  वार ,
फिर  भी  पढाई  में  हे  तू  होशियार ,
कोलेज  के  टॉप  5  में  होती  हे  जिसकी  गिनती ,
लडकियों  आप  से  यही  हे  मेरी  विनती ,
मत  गुमना  इस  के आस  पास  में ,
वरना  खीच  लेगा  ये  अपने  पास  में,
 इस  में  नहीं  हे  इसका  भी  दोष ,
आप  भी  तो  हो  जाती हे  मदहोश ,
इसकी  भी  हे  अपनी  एक  अदा ,
जो  याद   रहेगी  हमको  सदा ,
तेरे  भी  हो  पुरे  सपने ,
याद  रहे  हम  भी  हे  तेरे  अपने ,
अपनों  को  तू  भूल  न  जाना,
याद  करके , एक फ़ोन तो जरुर लगाना ,

लेखक :- राहुल  कुमार  पालीवाल

Friday, 2 November 2012

मेरा एक छोटा सा काम , मेरे प्यारे दोस्तों के नाम




1.  मेरा   एक   छोटा   सा  काम  , मेरे   प्यारे  दोस्तों   के   नाम     

बैठे -2  कैन्टीन  में  आई  जहन  में  एक  बात ,
कर   रहे  हे  अभी  मोज  ,मस्ती  ,और  पढाई ,
कभी-2  हम  में  भी  हो  जाती  हे  लड़ाई ,
पर  ना  जाने  कब  आयेगे,  ये  पल  ये  बात ,
जब  छूट  जाएगे  इन  दोस्तों  के  साथ ,
बिचड़  जाए  गे  जब  सब  लोगों   के  हाथ 
फिर  याद  आएग़े  ये  पल  ये  बात ,
सोचा  की  थाम  लू  इन  लम्हों  को ,
फैला  कर  के  दोनों  हाथ ,
पर  कहा  थी  ये  मेरे  बस  की  बात 
भगवान  से  मेरी  यही  हे  विनती ,
अच्छे  दोस्तों  में  हो  मेरी  गिनती ,
ना  करना  तुम  मुझ  से  बेर ,
हम  भी  नहीं  हे  कोई  गेर, 
अगर  मुझ से  हुई  हो  कोई  गलती 
तो  मेरी  यही  हे  तुम  से  विनती ,
मत  रखना  अपने  मन  में  पाप ,
कर  देना  तुम  मुझ  को  माफ़ ,
रखना  तुम  अपना  मन  साफ ,
तुम  सब  हो  मेरे  लिये  खास ,
मेरी  भगवान  से  यही  हे  प्राथना ,
पूरी   हो  तुम  सब  की  कामना,
तुम  सब  को मिले   अपना  मुकाम,
जिस  के   लिए   कर   रहे  हो  मेहनत  आज,
कहना  चाहुगा   में   सब  दोस्तों   से  आज ,
की   भूल  ना  जाना  इस  नाचिज  का   साथ,

लेख़क :- राहुल  कुमार  पालीवाल